अंतर्राज्यीय गिरोह से 9 लाख के नकली नोट बरामद
-उज्जैन एसटीएफ की टीम को मिली बड़ी सफलता
उज्जैन।
एसटीएफ उज्जैन की टीम ने गुरूवार को उज्जैन-इंदौर फोरलेन स्थित नवाखेड़ा तिहारे से स्कूटी पर सवार तीन लोगों को हिरासत में लिया था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 6 लाख रुपए के नकली नोट भी जब्त किए थे। पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि वह उक्त नोट दो लोगों को बेचने आए थे। उनकी निशानदेही पर से पुलिस ने दो ओर आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक कलर प्रिंटर और डाई भी जब्त की है।
एसटीएफ एसपी गीतेश गर्ग ने बताया कि गुरूवार को मुखबिर से मिली सूचना के बाद उज्जैन एसटीएफ प्रभारी दीपिका शिंदे और उनकी टीम ने सुनील पिता बाबुराव 33 साल निवासी बुरहानपुर, श्रीराम पिता दशरथ गुप्ता 55 साल निवासी सेंधवा बड़वानी और के आनंद पिता चंद्रकेसवालो निवासी बुरहानपुर मूल निवासी आंध्रप्रदेश को नकली नोटों की खरीद-फरखत करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। कड़ी पूछताछ करने पर आरोपियों ने किरन पिता चांगदेव सोडंकर 40 साल निवासी बुरहानपुर का नाम बताया। पुलिस की टीम ने सुनील से 3 लाख 50 हजार, श्रीराम से 2 लाख 50 हजार, के आनंद से 2 लाख और किरन से 1 लाख रुपए कीमत के 2-2 हजार के नकली नोट जब्त किए। इसके अलावा मुख्य आरोपियों से एक लाख रुपए के असली नोट, कलर प्रिंटर और डाई जब्त की है। दोनों आरोपी पहले लेपटॉप और प्रिंटर के माध्यम से नकली नोट प्रिंट करते थे। इसके बाद एक डाई का उपयोग कर नकली नोट पर वॉटर मार्क जैसा निशान बना देते। जिससे लोग उन्हे असली नोट समझते।
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किराये के मकान में बना रहा था नकली नोट
एसटीएफ प्रभारी दीपिका शिंदे ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद मुख्य आरोपी श्रीराम अरविंदो अस्पताल के सामने कृष्णकुंज कालोनी स्थित किराये के मकान में ले जाकर तलाशी ली गई। जिसमें पुलिस को नकली नोटों के साथ ही कलर प्रिंटर और डाई मिली। पुलिस ने बताया कि आरोपी इंदौर मेें स्थित किराये के मकान में रखकर नकली नोट बनाया करते थे। आरोपी सुनील के खिलाफ खंडवा, इंदौर और बडौदा गुजरात के थानों में प्रकरण दर्ज है। वहीं श्रीराम के खिलाफ बड़वानी और इंदौर के तीन थानों में अलग-अलग धाराओं में प्रकरण दर्ज है।
जेल में हुई थी दोनों की मुलाकात
पुलिस के अनुसार सुनील का मुख्य काम ग्राफिक्स और प्रिंटिंग का है। इसके अलावा श्रीराम गुप्ता दोना पत्तल, एम्ब्रायडरी के साथ ही कटिंग का कार्य करता है। दोनों आरोपी अलग-अलग मामलों में बड़वानी जेल में बंद थे। इसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी। बड़वानी जेल में रहकर ही आरोपियों ने नकली नोट बनाकर चलाने की योजना बनाई थी। जेल से बाहर आने के बाद से ही दोनों ने नकली नोट बनाकर बेचने का काम शुरू कर दिया था। पुलिस जानकारी जुटा रही है, कि आरोपियों ने अब तक कितने लोगों को नकली नोट बैचे है।
आधी से भी कम कीमत पर बैचे नकली नोट
पूछताछ में आरोपियों ने पुसिल को बताया कि वे नकली नोटों को असली नोट की आधी से भी कम कीमत पर लोगों को बैचते थे। जैसा ग्राहक वैसा दाम अगर कोई अधिक मात्रा में नोट खरीदता तो उसे वह कम कीमत पर देते थे। पुलिस के अनुसार खरीदार के आनंद बुरहानपुर में रहकर एक नर्सरी में पौधे बेचने का काम करता है। जबकि किरन बुरहानपुर जिले के ग्राम तुकईथड़ में ढाबा चलाता है।
इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका
आरोपियों की गिरफ्तारी में एसटीएफ प्रभारी दीपिका शिंदे, एसआई जेएस परमार, एएसआई देवेन्द्रसिंह कुशवाह, एलएन जाट, प्रधान आरक्षक बजरंग कुमार, सुनील झा, संजय शुक्ला, धमेन्द्र बडोलिया, राजपालसिंह राठौर, पुष्पेन्द्र यादव, राजेन्द्र परिहार, मनीष राठौर, पूनमचंद्र यावद की सरहानी भूमिका रही।
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