आयोग को दी गलत जानकारी, लोक सूचना अधिकारी पर जुर्माना
-ननि में पदस्थ तात्कालीन अधिकारी मंडलोई पर हुई कार्रवाई
धमेन्द्र भाटी, विशेष संवाददाता
उज्जैन। सूचना के अधिकार के अंतर्गत मांगी गई जानकारी नही देने और लोक सूचना आयोग को गलत जानकारी भेजने के मामले में आयोग द्वारा नगर निगम के तात्कालीन लोक सूचना अधिकारी आरएस मंडलोई के खिलाफ कार्यवाही करते हुए 25 हजार रूपए का जुर्माना किया गया है।
उल्लेखनीय है कि भागसीपुरा निवासी वरूण पंड्या द्वारा सूचना के अधिकार के अंतर्गत झोन क्रमांक तीन से कुछ जानकारी मांगी गई थी, लंबे समय तक जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा तय समय सीमा में नहीं देने पर उन्होंने इसकी शिकायत लोक सूचना अधिकारी से लेकर राज्य सूचना आयुक्त तक की थी। जब राज्य सूचना आयोग भोपाल के आयुक्त डॉ. जी कृष्णमूर्ति तक शिकायत पहुंची तो उन्होंने अपने स्तर पर इस मामले की जांच पड़ताल की तो पता चला कि लोक सूचना अधिकारी झोन क्रमांक तीन आरएस मंडलोई द्वारा आयोग को गुमराह करते हुए झूठी जानकारी भेजी जा रही है। सूत्र बताते है कि आयोग द्वारा 6 दिसंबर 2017 को पारित आदेश में आर.एस. मण्डलोई तत्कालीन लोक सचना अधिकारी, नगर पालिक निगम के विरूद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। तत्पश्चात मण्डलोई द्वारा दशार्यी गई जानकारी के अनुसार झोन क्रमांक 3 के महेन्द्र कछवाय को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। पिछले दो वर्षों में विभिन्न तिथियों में महेन्द्र कछवाय को कारण बताओ सूचना पत्र की सुनवाई में आहूत किया जा रहा था एवं उनके बारे में जानकारी चाही जा रही थी।
जांच में सामने आया सच
आयोग द्वारा 12 अप्रैल 2019 को नियत व्यक्तिगत सुनवाई में आदेश पारित कर तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी आरएस मण्डलोई एवं कछवाय को जारी कारण बताओ सूचना पत्र पर कार्यवाही लंबित रखी गई थी। विस्तृत छानबीन के बाद लोक सूचना अधिकारी झोन क्रमांक 3 एवं आयुक्त, नगर पालिक निगम द्वारा स्पष्ट प्रतिवेदन एवं शपथ-पत्र दिनांक 24 जून 2019 के माध्यम से आयोग को अवगत कराया गया कि महेन्द्र कछवाय नाम का कोई भी कर्मचारी-अधिकारी कभी भी नगर पालिक निगम में पदस्थ नहीं पाया गया। मण्डलोई द्वारा आयोग के समक्ष गलत एवं भ्रामक जानकारी दी गई।
उज्जैन से धार हो गया था स्थानांतरण
आरएस मण्डलोई वर्ष 2017 से परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण, धार में पदस्थ है। जिस पर आयोग द्वारा मण्डलोई को अधिनियम की धारा 7 के अनुरूप अपीलार्थी को जानकारी न देने का दोषी पाते हुए। उनके द्वारा अधिनियम की धारा 7 के अनुरूप अपीलार्थी वरूण पण्ड्या को समयसीमा में जानकारी न देकर गंभीर त्रुटि की गई है। जिसके बाद आयोग इसके लिये आरएस मण्डलोई को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 20 (1) का दोषी मानकर उन पर राशि 25 हजार की शास्ति अधिरोपित करता है।
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