तीसरी लहर की ओर बढ़ रहा एमपी, आने को है पीक
तीसरी लहर बन सकती है मुसीबत, अब तक 74 लोगों की मौत
मध्यप्रदेश कोरोना वायरस की तीसरी लहर के पीक के करीब पहुंच चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि तीसरी लहर का पीक आने का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। वजह है कि टेस्टिंग कम होने से केस बढ़ते दिख रहे हैं। पॉजिटिविटी रेट भी नहीं घट रहा। हालांकि 1 या 2 फरवरी तक स्थिति साफ हो जाएगी। प्रदेश में कोरोना से मौत के आंकड़ों को लेकर उनका कहना है कि राज्य में मौतों का प्रतिशत 0.02 है। यही आंकड़ा देश व विश्व स्तर पर आमने आया है।
कोरोना की तीसरी लहर में अब तक 12 की मौत, उज्जैन से मिले 170 पॉजिटिव
भोपाल में आने को है पीक
विशेषज्ञों का कहा कि इंदौर में 23 जनवरी को कोरोना का पीक चुका है। भोपाल के लिए दो दिन बाद आ सकता है। यदि मध्यप्रदेश में कोरोना की रफ्तार और संक्रमण दर देखें, तो 1 या 2 फरवरी को यह पीक पर रहने के संकेत दे रहा है। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 9,305 मामले सामने आए हैं। जो बीते एक सप्ताह का एवरेज देखें, तो 9,604 आता है। तीन दिन पहले यह 8,627 था।
अंधे कत्ल का खुलासा सुहागरात पर साली के पति को लगाया फोन, बोला- वो मेरी है
कम-ज्यादा हो रहा आंकड़ा
मध्यप्रदेश में पिछले 10 दिनों में रोजाना के सैंपल टेस्ट का आंकड़ा कम-ज्यादा होता रहा है। ऐसे में अगले दो दिन में आने वाले केस के बाद पता चलेगा कि एमपी में कोरोना का पीक आ चुका है या नहीं? हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि केस नहीं बढ़े, तो 1-2 फरवरी तक पीक आ जाएगा।
एमपी में स्कूल बंद, Cm ने की घोषणा, उज्जैन में मिले सबसे अधिक मरीज
राहत भरे संकेत
पिछले एक सप्ताह के आंकड़े देखें, तो मध्य प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट में गिरावट नहीं आ रह रही है। उम्मीद थी कि 29-30 जनवरी को पॉजिटिविटी रेट 10% से नीचे आएगा। 27 जनवरी के बाद यह फिर बढ़ता दिख रहा है। यह राहत भरे संकेत हैं। यदि 7 दिन के डेटा का आकलन करें, तो पॉजिटिविटी रेट 13% से घट कर 11% हो गया है। यह राहत भरे संकेत हैं।
डांस करते-करते एक युवक की चली गई जान
क्या होता है पीक
लगातार 15 दिन तक रिकवर होने वाले मरीज ज्यादा और नए संक्रमित कम मिलें, तो उसे पीक कहते हैं। पीक बताता है कि वायरस को अपना प्रसार करने के लिए ज्यादा लोग नहीं मिल रहे हैं। इसकी शुरूआत पॉजिटिविटी रेट गिरने या स्थिर होने से होती है। कोरोना की वर्तमान लहर में कई मामले एसिम्प्टोमेटिक रहे। कई में हल्के लक्षण रहे। ऐसे में आधिकारिक आंकड़ा सही तस्वीर पेश नहीं करता। बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जिन्हें संक्रमण हुआ भी तो पता नहीं चला होगा। कुछ शहरों में आक्रामक टेस्टिंग की वजह से ज्यादा मामले आ रहे हैं।
चलती बस के नीचे लेट गया युवक, फिर भी बच गई जान
74 लोगों की मौत
कोरोना की तीसरी लहर में एक महीने में 74 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हुई है। इसमें से 40 की उम्र 51 से 80 साल के बीच है। इसमें 32 पुरुष और 8 महिलाएं हैं। 80 साल से ज्यादा के कोरोना पॉजिटिव 11 लोगों की मौत हुई है। इसमें भी पुरुष 8 और 3 महिलाएं हैं। युवाओं में संक्रमण का असर कम है। यही वजह है कि 20 साल से कम केवल 4 लोगों की मौत हुई है। कोरोना से मरने वाले 19 लोगों की उम्र 21 से 50 साल के बीच है।
पढ़ते रहे thetadkanews.com देखें खबरे हमारे यूट्यूब चैनल The Tadka News पर, जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड की खबरें, लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, सरकारी योजनाएं, सरकारी नौकरी अलर्ट, जुड़िये हमारे फेसबुक Tadka News पेज से…
पढ़ते रहे thetadkanews.com देखें खबरे हमारे यूट्यूब चैनल The Tadka News पर जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड की खबरों की अपडेट Whats app ग्रुप और Telegram ग्रुप पर पाए, लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, सरकारी योजनाएं, सरकारी नौकरी का अलर्ट हमारे, जुड़िये हमारे फेसबुक Tadka News पेज से…