महाकाल ने किया विकास दुबे का इंसाफ- एसपी मनोजसिंह
राजस्थान के अलवर से बस में बैठकर आया था उज्जैन, ऑटो में सवार होकर पहुंंचा रामघाट फिर पैदल गया महाकाल
उज्जैन।
बाबा महाकाल ने दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के साथ इंसाफ किया है। उसने बड़ी ही बेरहमी से हमारे पुलिस साथियों की हत्या की थी। जिसका परिणाम उसे मिला है। बकौल एसपी मनोजसिंह उन्होंने स्पष्ट खुलासा किया कि दुबे कैसे उज्जैन पहुंचा और यहां उसने क्या गतिविधियां की। विकास दुबे द्वारा पुलिस को गुमराह करने के लिए कुछ गलत जानकारी भी दी गई थी। विकास दुबे राजस्थान के अलवर से उज्जैन आया था। उसे सभी कानूनी प्रक्रिया के तहत यूपी एसटीएफ को सौपा गया है।
उत्तरप्रदेश के कानपुर में डीएसपी सहित 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी दुर्दांत बदमाश विकास दुबे की महाकाल से गिरफ्तारी और यूपी में हुए एन्काउंटर पर उठ रहे सवालों का उज्जैन एसपी मनोजसिंह ने शनिवार को मीडिया से चर्चा के दौरान बेबाकी से जवाब दिया। एसपी ने बताया कि उज्जैन महाकाल मंदिर से गिरफ्तार हुए विकास दुबे ने खुद को बचाने और पुलिस को गुमराह करने के लिए पूछताछ के दौरान जो जानकारी दी थी उनकी जब तथ्यात्मक जांच पड़ताल की तो इस बात का खुलासा हुआ।
उज्जैन के हर बाहरी रास्ते की जांच
एसपी सिंह ने बताया कि विकास दुबे के उज्जैन पहुंंचने के समय से लेकर साधन तक की जांच पड़ताल विभिन्न टीमों द्वारा की गई। उज्जैन पहुंंचने वाले मार्गों पर स्थित टोल प्लाजा और सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों को खंगाला गया। इसके अलावा देवासगेट से लेकर महाकाल मंदिर तक पहुंच मार्ग के कैमरों की भी पड़ताल की गई। तब खुलासा हुआ की वह कोई निजी वाहन से नहीं बल्कि राजस्थान की बाबु ट्रेवर्ल्स से उज्जैन देवागेट बस स्टैंड पहुंचा था।
राजस्थान से उज्जैन तक बस का सफर
पुलिस ने पूरी जांच पड़ताल में यह भी खुलासा किया है कि राजस्थान के अलवर जिले से विकास दुबे राजस्थान रोडवेज की बस से झालावाड़ा पहुंचा था। यहां से उसने उज्जैन से गुजरने वाली बाबू ट्रेवर्ल्स की बस की सीट नंबर 6 की टिकट लिया। झालावाड़ा से बस बुधवार रात 9 बजे रवाना हुई जो उज्जैन में गुरूवार तड़के 3 बजकर 58 मिनट पर पहुंंची थी। इसी बस से उतरते हुए दुबे के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज मिली है।
ऑटो से पहुंचा रामघाट और किया स्नान
पुलिस ने जब बस से उतरने के बाद विकास दुबे की गतिविधियों को खंगालना शुरू किया तो जानकारी मिली की यहां से उसने एक ऑटो किया और रामघाट के लिए रवाना हो गया। उसे दौरान विकास के पास एक बेग भी था। विकास ने रामघाट पहुंचने के बाद नदी में स्नान किया और महाकाल मंदिर के रवाना हुआ।
रामघाट से पैदल पहुंचा महाकाल
रामघाट पर स्नान करने के बाद दुबे पैदल ही महाकाल मंदिर के लिए रवाना हो गया। महाकाल मंदिर के समीप फूल बेचने वाले सुरेश कहार से दुबे ने महाकाल मंदिर खुलने का समय पूछा तब सुरेश को उसकी शक्ल देखकर आशंका हुई। लेकिन सुरेश कुछ नहीं बोला। जैसे ही दुबे महाकाल मंदिर में पहुंचा सुरेश ने सजगता दिखाते हुए अपने एक मित्र के साथ महाकाल सुरक्षाकर्मियों को विकास दुबे की जानकारी दे दी। तब तक विकास दुबे महाकाल के दर्शन कर निर्गम द्वार पर पहुंंच चुका था। जहां उसे आशंका के चलते सुरक्षाकर्मियों ने निगरानी में लेते हुए पुलिस चौकी पर सूचना कर दी। जैसे ही पुलिस ने उसे दबोचा वह चिल्लाने लगा मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला।
मैनेजर तिवारी को छोड़ा
सागर शराब कंपनी के मैनेजर आनंद तिवारी के संबंध में एसपी मनोजसिंह ने बताया कि विकास दुबे के उज्जैन आने के बारे में तिवारी को कोई जानकारी नहीं थी। उज्जैन में दुबे किसी के घर भी नहीं रूका था। हालांकि पूछताछ में विकास ने यह जरूर बताया था कि वह आनंद तिवारी को पहचानता है। कुछ समय पहले वह उज्जैन आया था। उक्त जानकारी सामने आने के बाद ही पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था। लेकिन मामला स्पष्ट होने के बाद उसे छोड़ दिया गया है।
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