विकास दुबे सरेंडर के कई सवाल रह गए अनसुलझे…
-पत्रकारवार्ता में एसपी ने कहा फूल-प्रसाद वाले ने पहचाना था दूबे को
उज्जैन।
कानपुर में डीएसपी सहित 8 पुलिस अधिकारियों की हत्या में शामिल कुख्यात बदमाश विकास दुबे गुरूवार को उज्जैन पुलिस की गिरफ्त में आ गया। उसकी गिरफ्तारी को लेकर कई ऐसे सवाल थे जिनकी जवाब अभी भी अनसुलझे है। पुलिस की माने तो एक फूल प्रसाद की दुकान चलाने वाले दुकानदार ने बदमाश को पहचान लिया और मंदिर के सुरक्षाकर्मियों को सूचना दे दी। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों की सूचना पर पुलिस ने दुबे को धरदबोचा।
पुलिस अधीक्षक मनोजसिंह ने बताया कि गुरूवार सुबह पौने आठ बजे विकास दुबे महाकाल मंदिर के बाहर हार-फूल प्रसाद की दुकान पर पहुंचा था। उसने दुकानदार सुरेश माली से महाकाल मंदिर में जाने का रास्ता भी पूछा था। इस दौरान दुकानदार को उस पर शंका हो गई थी। उसने सुरक्षाकर्मियों को इसकी जानकारी दे दी थी। विकास दुबे ने जैसे ही निर्गम द्वारा के समीप जाकर विशेष दर्शन का पास खरीदा इसके बाद वह अंदर जाने लगा। मुख्य द्वारा पर ही कर्मचारियों ने उसे पूछताछ के लिए ले जाया गया। जहां उसने अपने आईडी दिखाए। शंका होने पर कर्मचारियों ने महाकाल चौकी पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस आई और विकास को हिरासत में लेकर चौकी पहुंची। इसी दौरान महाकाल पुलिस भी आ गई और दुबे की सच्चाई सामने आते ही उसे दबोच लिया गया। पुलिस जब दुबे को थाने ले जा रही थी तब वह जोर-जोर से चिल्ला रहा था। में कानपुर का विकास दुबे हूं। इसकी कुछ ही देर बाद एसपी मनोजसिंह और एएसपी रूपेश कुमार द्विवेदी सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और दुबे को अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। उज्जैन पुलिस ने तुरंत इसकी सूचना यूपी एसटीएफ को दी। शाम को पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया। जहां से यूपी एसटीएफ की टीम उसे अपने साथ ले गई।
हिरासत में लिया शराब कंपनी के मैनेजर को
पुलिस सुत्रों का दावा है कि पूछताछत में जानकारी मिली की विकास दुबे का शराब कंपनी के मैनेजर तिवारी से संपर्क है। जिसके बाद पुलिस की टीम ने तिवारी और उसके परिवार के कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। इस संबंध में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि तिवारी की भूमिका संदिग्ध है। इस संबंध में पूछताछ की जा रही है।
पुलिस के सामने चिल्लाता रहा दुबे
महाकाल चौकी से जब दुबे को पुलिसकर्मियों द्वारा पकड़कर थाने पर ले जाया जा रहा था, तब वह जोर-जोर से चिल्ला रहा था। में विकास दुबे हूं कानपुर वाला। कई बार शोर मचाने पर एक जवान ने उसे थप्पड़ मारकर शांत कर दिया। बताया जा रहा है कि वह अपनी पहचान जानबुझकर सब के सामने बता रहा था। ताकि वह पुलिस के एन्काउंटर से बच सके।
गफलत में पकड़ाए वकील
विकास दुबे के महाकाल मंदिर में पकड़ने की सूचना के बाद शहर में सनसनी फैल गई। अधिकारियों को फोन बजने लगे। इसी दौरान पुलिस ने संभावना के आधार पर उसके अन्य साथियों की तलाश में शहर में नाकेबंदी कर दी। इसी दौरान पुलिस को देवास गेट से उत्तर प्रदेश की कार लावारिस हालत में मिली। बताया जा रहा है कि उक्त कार में दो वकील बैठे हुए थे। जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया है। जिनका नाम तेजबहादुरसिंह और मनोज कुमार यादव बताए उन्होंने पुलिस को बताया कि वे उज्जैन में महाकाल दर्शन करने के लिए उज्जैन आए थे।
बीडीएस पहुंची जांच के लिए
महाकाल मंदिर से विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद मंदिर में सनसनी फैल गई थी। सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। पुलिस ने स्टैंड से उसकी चप्पल और एक काले रंग का बैग भी जब्त किया था। जिसकी जांच के लिए बीडीएस टीम भी पहुंच गई थी। पुलिस को जांच में बैग में केवल कपड़े मिले है। पुलिस ने बताया कि उसके पास मोबाइल नहीं था।
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