हल छठ के उपवास में फलाहारी खाने से महिलाएं बीमार
सिंघाड़े का आटा और मोरधन का किया था सेवन
उज्जैन। Tue-25 Aug 2020
हल छठ के उपवास के दौरान शहर की कई महिलाओं ने फलाहारी के रूप में अलग-अलग खाद्य पदार्थ का सेवन किया था। जिसके बाद शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से महिलाओं के बीमार पड़ने की सूचना सामने आई है। कुछ महिलाओं की हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल में भी भर्ती करवाया गया है।
गौरतलब है कि सोमवार को हल छठ होने के चलते शहर की महिलाओं ने उपवास रखा था। मान्यताओं के अनुसार हल छठ का उपवास करने वाली महिलाएं खेत में हल से बोये हुए किसी भी अन्य का सेवन नहीं करती हैं। दिन भर के उपवास के दौरान महिलाओं ने किराना दुकानों से सिंघाड़े के आटे के साथ-साथ मोरधन खरीद कर उसका सेवन किया था। इनके सेवन के साथ ही देर शाम को शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से महिलाएं बीमार होकर जिला अस्पताल पहुंचने लगी। अधिकांश महिलाओं को उल्टी दस्त और घबराहट की शिकायत हो रही थी। जिसके बाद आधा दर्जन से अधिक महिलाओं को इलाज के लिए जिला अस्पताल के डीवीडी वार्ड में भर्ती किया गया है। इस संबंध में जिला अस्पताल के डॉक्टर जितेंद्र शर्मा का कहना है कि किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ का उपयोग करने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट अवश्य जांच लेना चाहिए।
जो आटा खाया उस का पैकेट लेकर आए परिजन
मंगलवार सुबह जैसे ही महिलाओं के बीमार पड़ने की सूचना सामने आई तो जिला प्रशासन हरकत में आया। जिला अस्पताल के डीवीडी वार्ड में आधा दर्जन महिलाएं इलाज के लिए भर्ती हुई थी। इस दौरान महिला के परिजन वह ब्रांड के आटे का पैकेट भी लाए थे जिसका सेवन उनकी परिवार की महिलाओं ने किया था। परिजनों का आरोप है कि इंदौर की क्रॉउन कंपनी द्वारा उक्त आटा बनाया गया है। जिससे वे बीमार पड़े हैं।
हर साल आती है शिकायत
गौरतलब है कि गणेश चतुर्थी के बाद हरतालिका तीज ऋषि पंचमी और उसके बाद हल छठ के उपवास के दौरान अधिकांश महिलाएं बहुत कम मात्रा में आहार ग्रहण करती हैं। कई घंटों तक भूखे रहने के बाद मोरधन और सिंघाड़े के आटे के बने खाद्य पदार्थ का सेवन करने से उनकी तबीयत बिगड़ जाती है। लगभग हर साल इस प्रकार की समस्याएं और शिकायत सामने आती हैं।
संतान की लंबी उम्र के लिए किया जाता है उपवास
हर साल हलछठ बलराम जयंती का पर्व भादो मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ दिन महिलाएं संतान प्राप्ति एवं संतान के दीर्घायुस्य की कामना से व्रत रखकर विधान-विधान से पूजन अर्चन करती है। हिंदू धर्म में इस पर्व को भी एक महत्वपूर्ण त्यौहार के रूप में मनाते हैं। हलछठ के दिन ही हलधर भगवान बलराम की जयंती भी मनाई जाती है। श्री बलराम जी भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई थे। जानें कैसे करें हलछठ पर्व का पूजन।
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