शांति पैलेस होटल संचालक सहित 12 लोगों पर FIR
तत्कालीन संयुक्त संचालक, एसडीएम, पटवारी, नगर निगम के अधिकारियों और कांग्रेसी नेता पर धोखाधड़ी का आरोप
उज्जैन।
इंदौर रोड स्थित शांति पैलेस होटल का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। मंगलवार को ईओडब्ल्यू उज्जैन की शाखा ने होटल मालिक सहित तत्कालीन एसडीएम पटवारी नगर निगम के कार्यपालन यंत्री अधीक्षण यंत्री सहित उपयंत्री तथा तीन यह निर्माण समिति के अध्यक्षों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया है। उक्त मामले में हाई कोर्ट ने ईओडब्ल्यू को जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद उक्त कार्रवाई हुई।
तकरीबन 1 साल पहले हाईकोर्ट के आदेश के बाद इंदौर रोड स्थित शांति पैलेस होटल को नगर निगम ने ध्वस्त कर दिया था। इसी के साथ विवादित निर्माण के मामले का अंत माना जा रहा था। लेकिन 1 साल बाद फिर से शांति पैलेस होटल का मामला सुर्खियों में आ गया है। इस बार उक्त मामले में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो) ने उक्त मामले में होटल मालिक सहित 12 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। गौरतलब है कि नानाखेड़ा के सर्वे क्रमांक 81/1/1 व 81/2 व अन्य भागों की जमीन पर शांति पैलेस होटल बनाई गई थी। उक्त जमीन आदर्श विक्रम, अंजली और नमन गृह निर्माण संस्था की थी। उठ जमीन पर कालोनियों का निर्माण प्रस्तावित था। कागजों में हेराफेरी कर होटल शांति पैलेस का निर्माण किया गया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद 4 जुलाई 2019 को नगर निगम ने होटल को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था। होटल के ध्वस्त होते ही मामले को पूरी तरह से समाप्त माना जा रहा था। हालांकि इस पूरे अवैध निर्माण के पीछे जो अधिकारी शामिल थे उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की मांग भी उठ रही थी। यही कारण है कि हाईकोर्ट ने ईओडब्ल्यू को जांच के निर्देश दिए थे। जिसके बाद ईओडब्ल्यू द्वारा होटल मालिक सहित जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।
इन लोगों के खिलाफ हुआ प्रकरण दर्ज
ईओडब्ल्यू डीएसपी अजय कैथवास ने बताया कि इस संबंध में होटल मालिक चंद्रशेखर श्रीवास पत्नी सीमा श्रीवास, आदर्श विक्रम गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष कांग्रेसी नेता योगेश शर्मा पिता भगवती प्रसाद शर्मा, नमन गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष मनोज बंसल पिता बाल कृष्ण बंसल और अंजली गृह निर्माण समिति के अध्यक्ष नंदकिशोर पिता गोपाल कृष्ण शर्मा के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। आरोप है कि गृह निर्माण संस्था द्वारा कॉलोनी के नाम पर जमीन ली गई थी। लेकिन उस पर नियम विरुद्ध होटल बना दी गई।
संयुक्त संचालक से लेकर लिपिक सभी की रही भूमिका
होटल शांति पैलेस निर्माण के संबंध में हाईकोर्ट के आदेश के बाद ईओडब्ल्यू ने जांच की जिसमें तत्कालीन संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश राजीव कुमार पांडे, एसडीएम आरएस मीणा, पटवारी आदर्श जांगड़े, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री गिरिराज कुमार जयसवाल, रामबाबू शर्मा तत्कालीन अधीक्षण यंत्री, श्याम सुंदर शर्मा उपयंत्री के साथ ही लिपिक भूपेंद्र वेगड़ के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने धारा 409 420 120 बी भादवी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संशोधित 2018 की धारा सातवीं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
सभी नियमों को रखा ताक पर
31 क्रेता और विक्रेताओं, नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारियों के साथ मिलकर अवैध निर्माण जारी होनो के बाद भी निर्माण की अनुमति प्राप्त की। इसके अलावा 2013 में फर्जी आधारों पर होटल का अवैध विस्तार किया। जिसमें राजस्व अधिकारियों के साथ सांठगाठ की गई। इसके अलावा आवासीय भूमिका का फर्जी तरह से डायर्वसन निरस्त करवाकर उक्त स्थान को पड़त की कृषि भूमि बताई गई। कुल मिलाकर होटल निर्माण के लिए संचालक ने सभी अधिकारियों के साथ मिलकर सारे नियम ताक पर रखे दिए थे।
इनका कहना है
मुख्यालय के आदेश के बाद 7 मार्च को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिसकी जांच के बाद होटल शांति पैलेस के मामले में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। जिनमें 12 लोगों के नाम शामिल है।
देवेंद्र प्रताप सिंह राजपूत, एसपी ईओडब्ल्यू
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