चरक अस्पताल की नर्स की करतूत जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान
-रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पुलिस ने दो नर्स और एक युवक को दबोचा
उज्जैन। Thu-06 May 2021
उज्जैन के चरक अस्पताल की दो नर्सों को पुलिस ने दबोचा है। दोनों नर्स अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजो को लगने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन को उन्हे नहीं लगाते हुए एक युवक के माध्यम से बाजार में अधिक दामों पर बेचकर मरीजों की जान का सौदा कर रही थी। पुलिस ने युवक को भी गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों से 3 रेमेडेसिविर और दो मेरोपेनम इंजेक्शन बरामद किए है।
कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी चरम पर पहुंच चुकी है। हालत यह हो गई है कि अब अस्पतालों से मरीजों को लगने वाले इंजेक्शनों को बाजार में महंगे दामों पर बेचा जा रहा है। ऐसी ही एक गैंग को सायबर सेल और सीएसपी पल्लवी शुक्ला की टीम ने दबोचा है। जिसमें चरक भवन की दो नर्स राजश्री पिता संतोष मालवीय 23 साल निवासी नागेश्वर धाम, एकता पति लखन केलोदिया 26 साल निवासी निमनवासा और मयूर पिता कालू राम सोलंकी 24 साल निवासी ग्राम भैरू आमली घट्टिया शामिल है।
थाने से कुछ ही दूरी पर स्थित एसबीआई बैंक के ताले टूटे
5 इंजेक्शन जब्त
पूछताछ में सामने आया कि मयूर द्वारा चरक अस्पताल की नर्स राजश्री और एकता से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर बाजार में कालाबाजारी करता था। साइबर सेल टीम को जानकारी मिली तो दोनों नर्सों के साथ उसे भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की टीम ने उनके पास से 5 इंजेक्शन बरामद कर लिए। जिसमें 2 रेमडेसिविर और तीन मेरोपेनम शामिल है। तीनों के हिरासत में आने के बाद मामला कोतवाली थाना पुलिस को सौंपा गया है। पुलिस ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।
माधवनगर अस्पताल में इस तरह हो रहा है इलाज
एक लगाया एक बेचा
नर्सों ने पुलिस को बताया कि मरीजों को लगाए जाने के लिए दिए जाने वाले 2 इंजेक्शन में से वह एक ही इजेंक्शन लगाती थी। दूसरा मयूर के माध्यम से बाजार में जरूरतमंदों को 20 से 30 हजार रुपए में बेच देती थी। अब तक 5 इंजेक्शन एसएस अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को बेच चुके है। थाने में सीएससी पल्लवी शुक्ला के सामने दोनो नर्स रोते हुए अपनी गलती की माफी मांग रही थी। बताया जा रहा हैै कि दोनों नर्सों के पकड़ाने के बाद अस्पताल प्रशासन भी उनके खिलाफ कार्रवाई कर करेंगा। फिलहाल इस बात की जानकारी जुटाई जा रही है कि उनके साथ और कौन-कौन इस कालाबाजारी के खेल में मिला हुआ है।
7 गुना अधिक दाम पर बेच रहा था ऑक्सीजन फ्लो मीटर
पुलिस को समझा ग्राहक
पुलिस की टीम लगातार इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों को तलाश रही थी। इसी दौरान मयूर की जानकारी पुलिस तक पहुंची। पुलिस ने मयूर से ग्राहक बनकर रेमडेसिविर इंजेक्शन का सौदा किया जो 20 हजार रुपए में तय हुआ। जैसे ही मयूर ने इंजेक्शन उपलब्ध कराया सायबर टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। इससे पहले 25 अप्रैल को चिमनगंज थाना पुलिस ने इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के 8 सदस्यों को ग्राहक बनकर पकड़ा था।
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