बयानों में उलाझा रही पीडित महिला, पुलिस ने कॉलोनाइजर को दी क्लीन चिट
मामला महाडिक दंपति द्वारा की गई धोखाधडी का...
उज्जैन। Wed-13 Jan 2021
अवैध रूप से कृषि भूमि पर प्लॉट काट कर महिला को बेचने के मामले में चिमनगंज पुलिस ने महाकडिक दंपति के खिलाफ 8 जनवरी को प्रकरण दर्ज किया था। लेकिन अब पीडित महिला अपने बयान बदल कर कॉलोनाईजर और दलाल पर झुठा आरोप लगा रही है। पुलिस का कहना है कि महिला लगातार बयानों में उलझाने का प्रयास कर रही है। दस्तावेज में जो भी सामने आया उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जा चुका है।
टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग तथा बिना कालोनाईजर लायसेंस के कृषि भूमि पर सेंधवा निवासी सुनीता पोरवाल को तीन प्लॉट बेच कर धोखाधड़ी करने वाले मनीष महाडिक और प्रभा महाडिक के खिलाफ चिमनगंज पुलिस ने विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है। महिला का कहना है कि उसने साल 2009 में तीन प्लॉट खरीदे थे। वहीं साल 2010 में महाडिक से उक्त भूमि के पास कॉलोनाईजर महेश परियानी ने तिरूपतिधाम कॉलोनी का निर्माण किया। आरोप है कि मनीष ने परियानी के साथ भी धोखाधड़ी की है। जिसका प्रकरण न्यायालय में चल रहा है। हालांकि पूर्व में दिए गए बयानों में महिला ने उक्त मामले में महेश परियानी और दलाल जगदीश गुजराती का कोई लेना देना नहीं बताया था। लेकिन दूसरे दिन अपने बयानों के उलट उसने पुलिस पर ही आरोप लगाना शुरू कर दिए। महिला का आरोप था कि पुलिस ने महेश परियानी का बचा लिया है। जबकि पुलिस का कहना है कि महिला और परियानी को भूमि महाडिक दंपति ने ही एक साल के अंतराल में जमीन बेची थी।
जनसुनवाई में की थी शिकायत
गौरतलब है कि महाडिक दंपति से परेशान होकर महिला ने कलेक्टर को जनसुनवाई में शिकायत की थी। कलेक्टर के आदेश के बाद नगर निगम के सामने शिकायत पहुंची। निगम अधिकारियों ने कई बार मनीष महाडिक को कार्यालय पर बुलाया। लेकिन वह नहीं आया, जब आया तो उसने आरोपों को नकारते हुए अधिकारियों को भ्रमित करने का प्रयास किया। उसने कॉलोनाईजर परियानी पर आरोप लगाए। जबकि महिला से उसने सौदा किया था।
कौन बना रहा दबाव
गौरतलब है कि उक्त पूरे मामले में पुलिस द्वारा निष्पक्ष रूप से निगम अधिकारियों की शिकायत पर महाडिक दंपति पर प्रकरण दर्ज कर लिया है। प्रकरण दर्ज किए जाने के बाद महिला ने मीडिया के प्रति आभार भी प्रकट किया था। लेकिन दूसरे दिन महिला ने अपने बयान बदलते हुए पुलिस को ही कट घरे में खड़ा कर दिया। हालांकि उक्त मामले में चिमनगंज थान प्रभारी अजीत तिवारी का कहना है कि निगम अधिकारियों द्वारा उपलब्ध करवाए गए दस्तावेज की जांच में अभी तक जो भी सामने आया उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।
10 साल से खामोशी क्यों
इस पुरे प्रकरण पर नजर डाली जाए तो पीडित महिला सुनीता ने महाडिक से साल 2009 में प्लॉट का सौदा होना बताया है। वहीं महाडिक ने साल 2010 में कॉलोनाइजर महेश परियाणी को उक्त भूमि बेची। उसके बाद लगातार उक्त भूमि पर कॉलोनी का निर्माण किया गया। बीते 10 सालों में कॉलोनी पूर्ण रूप से विकसित होकर रहवासी भी हो गर्ई। लेकिन महिला इस बीच कभी भी अपने प्लॉटों को लेकर सामने नहीं आई। अचानक 10 साल बाद महिला का इस प्रकार सामने आना शंकास्पद नजर है।
पढ़ते रहे thetadkanews.com देखें खबरे हमारे यूट्यूब चैनल The Tadka News पर जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड की खबरों की अपडेट Whats app ग्रुप और Telegram ग्रुप पर पाए, लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, सरकारी योजनाएं, सरकारी नौकरी का अलर्ट हमारे, जुड़िये हमारे फेसबुक Tadka News पेज से…