उज्जैन में मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) सदस्यों के विभागों में हुए फेरबदल के बाद पीएचई कार्यालय में जश्न मनाया गया। आउट सोर्स कर्मचारियों द्वारा अधिकारियों की मौजूदगी में पटाखे फोड़ने की घटना से यह बात तो सिद्ध हो गई है कि पीएचई में अधिकारी गैंग बनाकर एक बड़े गिरोह का संचालन कर रहे हैं। पिछले 8 महीनों में विभाग में जो कसावट आई थी। उससे मछली की तरह अधिकारी और कर्मचारी छटपटा रहे थे। या कहें उन्हें मनपसंद काम नहीं करने दिया जा रहा था। बीते 8 महीने की बात की जाए तो इसमें एमआईसी सदस्य शिवेंद्र तिवारी ने कई अधिकारियों और कर्मचारियों की नकल कस दी थी।
दरअसल पिछले कई सालों से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में मनमाना काम चल रहा था। अधिकारी समय पर कार्यालय पर मौजूद नहीं होते थे। यही कारण है कि शहर के कई इलाकों में अवैध नल कनेक्शन रातों-रात कर दिए गए। मनमाने रूप से अधिकारी टैंकरों के माध्यम से पानी की सप्लाई पहुंचा रहे थे। ऐसे तमाम अवैध कारनामों पर जब नकेल कसी जाने लगी तो अधिकारियों की रातों की नींद हराम हो गई थी।
गुरुवार को नगर निगम की एमआईसी सदस्यों के विभाग ने जब फेरबदल किया गया तो पीएचई अधिकारियों को एक बार फिर से मौका मिल गया। शुक्रवार को चामुंडा माता चौराहा स्थित पीएचई कार्यालय में पटाखे छोड़कर जश्न मनाया। हालांकि यह जश्न नियम के गलियारों मे एक सवाल जरूर छोड़ गया है। बेलगाम हो चुके पीएचई के कुनबे को किस तरह से नियंत्रित किया जाए। आने वाले दिनों में जल संकट की चुनौती से कैसे पार पाया जाएगा।
700 अवैध कनेक्शन काटे गए
महापौर मुकेश टटवाल ने जब पहली दफा वार्ड नंबर 6 के पार्षद शिवेंद्र तिवारी को एमआईसी में शामिल किया और उन्हें जल कार्य एवं सीवरेज विभाग का प्रभार सौंपा तो अधिकारियों के काम में अचानक कसावट देखने को मिली। पिछले 8 महीनों मे शहर की कई बस्तियों में अवैध कनेक्शन सामने आए और उन्हें हटाया भी गया। इसके अलावा शिवेंद्र तिवारी द्वारा कई घोटाले भी अधिकारियों के सामने उजागर किए गए।
लेकिन पीएचई अधिकारियों द्वारा उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। सूत्रों का दावा है कि पीएचई में सालों से मनमाने तरीके से अधिकारियों द्वारा विभाग के कार्य का संचालन किया जा रहा है। ऐसे में जब शिवेंद्र तिवारी ने पदभार ग्रहण किया और विभागीय कार्य में कसावट लाई गई तो यह अधिकारियों को ना गवा गुजरा।
लापरवाही पर अधिकारियों को थमाया नोटिस
गौरतलब है कि एमआईसी सदस्य शिवेंद्र तिवारी द्वारा नियमित रूप से विभागीय कार्य की समीक्षा की जा रही थी। उनके द्वारा कई संगीन मामलों का खुलासा किया गया था। जिसमें आगर रोड स्थित मेडिकल कॉलेज में 24 घंटे पेयजल की सप्लाई अवैध रूप से किया जाना सामने आया था। जिसके बाद नगर निगम आयुक्त ने पांच अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था।
पेयजल बिल की रिकॉर्ड वसूली
सालों से पेयजल बिल की वसूली को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी। पिछले 8 माह के कार्यकाल के दौरान शिवेंद्र तिवारी के प्रयासों से या फिर कहें विभागीय कसावट के कारण तकरीबन 11 करोड़ का राजस्व पीएचई के माध्यम से जल कर के रूप में जमा करवाया गया। साथ ही उन्होंने कर्मचारियों के माध्यम से शहरवासियों के घरों तक पेयजल के बिल पहुंचाने का कार्य शुरू करवाया। इसके अलावा पीएचई कर्मचारियों के साथ हुई अभद्रता और मारपीट की घटना के विरोध में शिवेंद्र तिवारी हमेशा उनके के साथ खड़े दिखाई दिए।
किन अधिकारियों को ही खुशी
नगर निगम के अधीन पीएचई विभाग में सालों से तीन अधिकारियों ने कब्जा जमाए रखा है। या कहें इन्हीं अधिकारियों के जरिए पीएचई विभाग का बंटाधार किया जा रहा है। इन्हीं अधिकारियों की शह पर कर्मचारियों ने पीएचई विभाग में कई बड़े घोटाले कर डाले हैं। जिनकी शिकायतें हो चुकी हैं साथ ही इन मामलों में कार्रवाई भी की जानी है। ऐसे में जब एमआईसी सदस्य शिवेंद्र तिवारी को लोक निर्माण एवं उद्यान विभाग का प्रभारी बनाए जाने से गिरोह संचालित करने वाले अधिकारियों के मन में लड्डू फूट गए। उन्हीं की शह पर आउटसोर्स कर्मचारियों ने जश्न मनाने का दुस्साहस कर डाला।
शादी में जा रहे थे पानी के टैंकर
गौरतलब है कि शिवेंद्र तिवारी जब से जल कार्य समिति के सदस्य बने थे तब से उन्होंने पीएचई के अधिकारियों और कर्मचारियों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया। सालों से पानी के टैंकरों को मनचाहे स्थानों पर या लोगों के घरों में बिना किसी लिखा पढ़ी के पहुंचाया जा रहा था। जिनका विभाग के पास किसी भी प्रकार का लेखा-जोखा नहीं था। श्री तिवारी के निर्देश पर ही ऐसे तमाम पानी के टैंकरों का लेखा-जोखा शुरू किया गया। जिसके कारण कर्मचारी और अधिकारियों की ऊपरी कमाई पर रोक लग गई थी।
यहां नहीं की गई अब तक कार्रवाई
कहने को तो शहर की कई बस्ती और कॉलोनियों में हजारों की संख्या में अवैध नल कनेक्शन कर दिए गए। यही नहीं नियमों को ताक पर रखकर कई होटल को अवैध रूप से 24 घंटे पानी की सप्लाई करवाई जा रही है। शिवेंद्र तिवारी ने जब होटल और मकानों को चिन्हित कर कार्रवाई की तो अधिकारियों कर्मचारियों को मिर्ची लग गई। आरोप है कि उद्योगपुरी क्षेत्र में भी कई फैक्ट्रियों को अवैध रूप से पीएचई की लाइन से पानी की सप्लाई की जा रही है।
जब मैंने जल कार्य और सीवरेज विभाग का कार्य संभाला तब कई अधिकारियों की मोनोपली चल रही थी। कई अवैध गतिविधियों का भी संचालन किया जा रहा था। इन पर जब नकेल कसी गई तो ऐसे लोगों के हित नहीं सद पा रहे थे। ऐसे ही अधिकारियों ने पीछे रहकर इस प्रकार की हरकत की है। पीएचई में लाखों रुपए का घोटाला इनके द्वारा किया गया है जो आने वाले समय पर सामने आ जाएगा।
शिवेंद्र तिवारी, एमआईसी सदस्य