चरक अस्पताल में कौन बेच रहा है ऑक्सीजन वाले बेड
- स्टाफ नर्स ने सीएमएचओ कार्यालय में की थी शिकायत, कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर एफआईआर करवाने के आदेश दिए
कोरोना संक्रमण से दम तोड़ते मरीजों के डर को व्यापार बना कर अपना हित साधने वाले कई लोग कालाबाजारी में जुट गए हैं। उज्जैन के चरक अस्पताल में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसमें आउटसोर्स कर्मचारियों ने कोरोना संक्रमित मरीज को 5 हजार रुपए में ऑक्सीजन बेड बेच दिया। मामला सामने आते ही सीएमएचओ ने ठेकेदार को नोटिस जारी कर संबंधित कर्मचारियों को हटाने के निर्देश दिए हैं।
उज्जैन। Mon-10 May 2021
उज्जैन में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी के बाद कोविड सेंटर चरक अस्पताल में ऑक्सीजन बेड उपलब्ध करवाने के नाम पर संक्रमित महिला मरीज से रुपए लिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसमें सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल ने ठेका कंपनी को आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने और उनके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दिए हैं। आरोप है कि कर्मचारियों की अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस मरीज से ऑक्सीजन बेड के लिए रुपए लिए।
6 मई को अस्पताल की स्टाफ नर्स ने सीएमएचओ कार्यालय में आवेदन देकर बताया कि कोविड सेंटर चरक अस्पताल की छठीं मंजिल में भर्ती महिला मरीज से ऑक्सीजन बेड उपलब्ध करवाने के लिए आउटसोर्स कर्मचारियों ने पांच हजार रुपए लिए हैं। मरीज कलाबाई पति मूलचंद्र निवासी भैरवगढ़ गणेशनगर 30 अप्रैल को चरक अस्पताल में भर्ती हुई थी। संक्रमित होने से महिला को कोविड वार्ड में भर्ती किया गया था। जहां पर उसे ऑक्सीजन बेड उपलब्ध करवाने के लिए यश गोविंद मार्केटिंग के आउटसोर्स कर्मचारियों ने रुपए लिए। महिला के परिजन ने भी इसकी शिकायत हॉस्पिटल प्रबंधन और अधिकारियों से की है।
कंपनी को नोटिस जारी
सीएमएचओ डॉ. खंडेलवाल की ओर से यश गोविंद मार्केटिंग के संचालक संजय अग्रवाल को नोटिस जारी किया है, जिसमें उल्लेख किया है कि आउटसोर्स के आधार पर रखे गए कर्मचारी सुपरवाइजर लेखराज व वार्ड बाय दुष्यंत ने चरक अस्पताल के कोविड वार्ड में मरीज से ऑक्सीजन बेड उपलब्ध करवाने के लिए पांच हजार रुपए लिए हैं। आपको आदेशित किया जाता है कि दोनों कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाएं तथा कार्रवाई से कार्यालय को अवगत करवाएं। सीएमएचओ डॉ. खंडेलवाल ने बताया आउटसोर्स कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
हमारे कर्मचारी नहीं
कंपनी संचालक संजय अग्रवाल का कहना है कि उक्त आउटसोर्स कर्मचारी हमारी कंपनी के नहीं हैं। नोटिस का जवाब दे रहे हैं आउटसोर्स कर्मचारी हमारी कंपनी के नहीं है। हमारे कर्मचारियों का इस प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है। सीएमएचओ की ओर से नोटिस मिला है, जिसका जवाब दिया जा रहा है।
परेशानी का उठा रहे फायदा
ऑक्सीजन बेड की कमी के कारण सबसे ज्यादा दिक्कत, इसी को अवैध कमाई का जरिया बनाया कोविड अस्पताल या सेंटर में ऑक्सीजन बेड की सबसे ज्यादा दिक्कत है। मरीजों को ऑक्सीजन बेड नहीं मिल पा रहे हैं। सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों में ऐसे ही हाल है। मरीजों की इसी परेशानी का फायदा उठाते हुए कर्मचारी अवैध कमाई का जरिया बना रहे हैं। हॉस्पिटल या सेंटर में जब भी कोई ऑक्सीजन बेड खाली होता है, कर्मचारी उसे दूसरे मरीज के नाम से होना बताकर खाली रखते हैं। जैसे ही कोई जरूरतमंद मरीज आता है तो पहले उसे ऑक्सीजन बेड की समस्या बताते और फिर बेचे जाते हैं।
पढ़ते रहे thetadkanews.com देखें खबरे हमारे यूट्यूब चैनल The Tadka News पर जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड की खबरों की अपडेट Whats app ग्रुप और Telegram ग्रुप पर पाए, लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, सरकारी योजनाएं, सरकारी नौकरी का अलर्ट हमारे, जुड़िये हमारे फेसबुक Tadka News पेज से…