महाकाल मंदिर के दान की राशि कर्मचारियों के निजी खातों में, लोकायुक्त को शिकायत
-लोकायुक्त ने कर्मचारियों के बैंक खातों की जानकारी मांगी, मंदिर में लगाए थे क्यूआर कोड
lokayukta investigation उज्जैन महाकाल मंदिर (mahakal temple) के दान की राशि को मंदिर समिति के कर्मचारियों ने अपने निजी बैंक खातों क्यूआर कोड के माध्यम से जमा कर वाली। इस पूरे षड़यंत्र का खुलासा लोकायुक्त को मिली एक शिकायत के बाद हुआ। अब लोकायुक्त ने मंदिर प्रबंध समिति से आधा दर्जन कर्मचारियों के बैंक खातों की जानकारी मांगी हैं।
उज्जैन लोकायुक्त को मिली एक शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस ने महाकालेश्वर मंदिर समिति को तीन अलग-अगल मामलों में नोटिस जारी (lokayukta investigation) किए हैं। बताया जा रहा है कि मंदिर समिति के महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ आधा दर्जन से अधिक कर्मचारियों के निजी बैंक खातों की जानकारी मांगी गई हैं। वहीं मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था के ठेके से जुड़े दस्तावेजों को भी मांगा गया हैं। लोकायुक्त के तीन नोटिस से मंदिर समिति के कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ हैं।
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इन कर्मचारियों के नाम
lokayukta investigation लोकायुक्त निरीक्षक ने बताया कि शिकायत के बाद मामले की जांच की जा रही है। जिसमें लेखा शाखा प्रभारी विपिन ऐरन, अभिषेक भार्गव, आइटी शाखा प्रभारी राजकुमार सिंह, अभिषेक उपाध्याय, अशोक लांडगे सहित आधा दर्जन कर्मचारियों के नाम शामिल हैं।
महाकाल के दरबार में जालसाजी
lokayukta investigation लोकायुक्त पुलिस के अनुसार साल 2021 में महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति के एक कर्मचारी ने मंदिर परिसर में कुछ स्थानों पर क्यूआर कोर्ड चस्पा किए थे। जिस पर यह लिखा हुआ था कि भगवान महाकाल के मंदिर में दान और भेंट राशि देने के लिए इस क्यूआर कोड को स्केन करें। आरोप है कि कर्मचारी ने अपने बैंक खाते का क्यूआर कोड लगाया था। उसने जालसाजी से महाकाल के दान राशि अपने बैंक खातें में जमा करवा ली।
कौन दे रहा है संरक्षण
lokayukta investigation उल्लेखनीय है कि मामला सामने आने के बाद मंदिर परिसर से क्यूआर कोड हटाए गए तथा तत्कालीन कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए थे। लेकिन एक साल पूरा होने के बाद भी जांच नहीं हो पाई। लेकिन अब शिकायत लोकायुक्त के पास पहुंची और नोटिस जारी होने के बाद कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों का दावा है कि कर्मचारियों को बचाने के लिए प्रयास भी तेज हो चुके हैं।
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कोठार की जानकारी भी मांगी
महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल को भेंट में प्राप्त होने वाले सोने चांदी के आभूषण, पात्र, सोने चांदी के नाग नागिन, मांगलिक चिन्ह आदि समस्त कीमती सामग्री कोठार में जमा होती है। सालों से कर्मचारी मनीष पांचाल कोठार प्रभारी के रूप में पदस्थ है। बताया जाता है मंदिर में आने वाली कीमती धातुओं की सामग्री को प्रथम दृष्टा सोने जैसी, चांदी जैसी लिखकर जमा किया जाता है। इसके बाद मंदिर के स्वर्णकार को बुलाकर इसकी जांच कराई जाती है। lokayukta investigation लोकायुक्त ने कोठार के समस्त लेखे जोखे की जानकारी भी मांगी है।
शिकायत के आधार पर मंदिर समिति को नोटिस जारी कर कुछ कर्मचारियों के बैंक खाते सहित अन्य जानकारी मांगी है।
-बसंत श्रीवास्तव, लोकायुक्त निरीक्षक
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